नहीं मानता हूं राम को या शिव को

नहीं मानता हूं राम को या शिव को /// कह तो ऐसे रहा है जैसे कि तेरे मानने न मानने पर ही सनातन हिन्दू धर्म टिका है !
हमको सुना तो यूं रहा है, मानो धर्म को हमारे लिये मान देगा ! अपना भला क्या तू हमारे लिये करेगा मूर्ख ?

जो ये धमकियॉ देते हैं न हम सनातनियों को कि , हम इस्लाम ले लेंगे , क्रियश्चन पंथ ले लेंगे, बौद्ध पंथ ले लेंगे फलाना फलाना , उनसे हम इतना ही कहते हैं , –

तुम हमारी तरफ से कुएं में कूदो ! हमें क्या !

हम तो चाहते ही हैं कि बोझ कम हो हमारे सनातन धर्म का !

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तुम क्या सोचते हो कि हमको अपनी संख्या कम होने का भय है ?

हमारा धर्म भीड़ के आधार पर नहीं टिका है , वन में सिंहों का राज उनके स्वयं के अपने बल पर होता है , ना कि किसी दूसरे के सहारे पर !

#नाभिषेको_न_संस्कारः_सिंहस्य_क्रियते_वने ।
#विक्रमार्जितसत्त्वस्य_स्वयमेव_मृगेंद्रता ॥

सिंह को जंगल का राजा नियुक्त करने के लिए न तो कोई अभिषेक किया जाता है, न कोई संस्कार ।

अपने गुण और पराक्रम से वह स्वयं ही मृगेन्द्रपद प्राप्त करता है ।

।। जय श्री राम।।

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