शिवलिंग पर तुलसी दल से पूजा कर सकते है या नही ?

शिवलिंग में तुलसी से पूजन करने की विशेष महिमा है

भुक्तिमुक्तिफलं तस्य तुलस्या पूजयेद्यदि।
अर्कपुष्पै: प्रतापश्च कुब्जकह्लारकैस्तथा
(शिवपुराण, रुद्र संहिता १४/२७)

तुलसी से महादेव का पूजन करने से भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मंदार अपमार्ग और कह्लार के पुष्प को अर्पित करने से यश एवं चतुरदिग प्रताप की प्राप्ति होती है।

Worshiping Mahadev with Tulsi leads to bhoga and moksha.By offering flowers of Mandar Apmarg and Kahlar, one gets fame and glory.

सुन्दरी भैरवी काली ब्रह्मविष्णुविवस्वतः।
विना तुलस्या या पूजा सा पूजा विफला भवेत् ॥ १६१ ||

( आगम रहस्यम , 17 वां पटल )

गणेशजी को छोड़कर सभी देवी देवताओं की पूजा तुलसीदल से करना चाहिए । हे प्रिये ! तुलसी पत्र के बिना जो पूजा की जाती है वह निष्फल होती है ।

Except Ganeshji, all the deities should be worshiped with Tulsi plant. Hey dear! The worship done without Tulsi leaves is fruitless.

शक्तियामले :
सावित्रीं च भवानीं च दुर्गा देवीं सरस्वतीम् । योऽर्चयेत्तुलसीपत्रैर्देवैः स्वर्गे स मोदते ॥ १६२ ॥ –

शक्तियामलतन्त्र में भी बतलाया गया है – सावित्री , दुर्गा , भवानी एवं सरस्वती की पूजा जो तुलसीदल से करता है वह भक्त साधक स्वर्ग में देवताओं के साथ प्रसन्न रहता है

It has also been told in Shaktiyamala Tantra – the devotee who worships Savitri, Durga, Bhavani and Saraswati with Tulsi plant remains happy with the devas in heaven.

प्रत्यहं तुलसीपत्रैः पवित्रैर्मङ्गलाकृतिः ।
सहस्रैर्मूलमन्त्रेण श्रीदेवीध्यानसंयुतः |
अर्चयित्वा च मध्वाज्यशर्करापायसैः शुभैः ।
(8-9, एकचत्वारिंशोऽध्यायः, श्रीललितोपाख्यानम्)

ललितांबिका को रोज तुलसी युक्त नैवेद्य से प्रसन्न करें (ललितोपाख्यान)

पहली बात यह है कि भगवान विष्णु के लिए जो जो पत्र और पुष्प विहित है वह सब भगवान शंकर पर भी चढ़ाए जाते हैं केवल केतकी- केवड़े का निषेध है
(नारद/ नित्य कर्म पूजा प्रकाश)

The first thing is that all the leaves and flowers that are prescribed for Bhagwan Vishnu are also offered to Bhagwan Shankar, only Ketki-Kevda is prohibited.

शिव और विष्णु की एक साथ प्रसन्नता के लिए शिवलिंग का तुलसी दल से पूजन करना चाहिए
(स्कंद पुराण श्रावण मास महात्म्य)

For the happiness of Shiva and Vishnu together, Shivling should be worshiped with Tulsi Dal.

।। जय श्री राम ।।

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