असली जगद्गुरू कौन ?

सदाशिव समारम्भाम् शङ्कराचार्य मध्यमाम्।अस्मद् आचार्य पर्यंताम् वन्दे गुरु परम्पराम्।।🙏🌺🚩 जगद्गुरु लिखने का अधिकार केवल भगवान शंकराचार्य जी को है अन्यत्र और किसी को नहीं यदि कोई पूछता है तो शास्त्र…

निर्माणाधीन (शिखर, कलश, ध्वजादि रहित) मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा की अशास्त्रीयता

देवप्रासाद को स्थाप्यदेवता/श्रीहरि का स्थूल विग्रह माना गया है। यथा- 'प्रासादो वासुदेवस्य मूर्तिरूपो निबोध मे॥''निश्श्चलत्वं च गर्भोऽस्या अधिष्ठाता तु केशवः।एवमेष हरिः साक्षात्प्रासादत्वेन संस्थितः॥'(आग्नेयमहापुराण ६१।१९,२६) 'प्रासादं देवदेवस्य प्रोच्यते तात्त्विकी तनुः।तत्त्वानि विन्यसेत्पीठे…

वेदांत

वेद का सार वेदान्त है और वेदान्त का सिद्धान्त केवलाद्वैत सिद्धान्त है । श्रुति, युक्ति और अनुभूति से सम्मत सत्य यही है । और यही मत श्री बादरायण वेदव्यास का…

वेदों में मथुरा वृंदावन की महिमा

मित्रों! अथर्ववेद की एक उपनिषद है #गोपालोत्तरतापिन्युपनिषत् । इसमें दुर्वासा जी और ब्रज स्त्रियों का संवाद है भगवान श्री कृष्ण के तात्विक स्वरूप को लेकर और उसके अंतर्गत ब्रह्मा जी…

वेद की शाखाएं

आधुनिक तथाकथित वैदिकों ने वेदों के संरक्षण के नाम पर वेदों को क्षति ही पहुंचायी है । ये मन्त्र-ब्राह्मणात्मक वेद के ब्राह्मण को तो वेद मानते ही नहीं ,अपितु ११३१…

रामायण की प्राचीनता

◆ यह कहना कि पाणिनि कृत अष्टाध्यायी में राम शब्द का उल्लेख नहीं है, इसलिए रामायण ई.पू. पाँचवीं शताब्दी के बाद की रचना है, सर्वथा निर्मूल तथ्य है। क्योंकि उसमें…

दयानन्द मत भञ्जन

स्वामी दयानन्द सरस्वती #सत्यार्थ_प्रकाश के ग्यारहवे समुल्लास में कह रहे है कि सनातन धर्म मे विग्रह पूजन जैनियों द्वारा चलाई गई है सनातन धर्म मे विग्रह पूजन का उल्लेख कहीं…